कल मेने एक विदेशी दोस्त को दादरी घटना की थोड़ी
डिटेल बताई
दोस्त थोडा चोंका, फिर उसने जो जवाब दिया
कसम से शर्म से सर झुक गया ..
उसका जवाब था.....तो भाई इसका मतलब यह हुआ की
इंडिया में एक जानवर को माता कहा जाता है
यानि हर नस्ल की माता , नागोरी, थरपारकर,
भगनाड़ी, दज्जल, गावलाव ,गीर, नीमाड़ी, इत्यादि इत्यादि,
कोई बड़े सिंग वाली माता...कोई बड़ी पूँछ
वाली माता...कोई काली कोई सफ़ेद माता
कोई चितकबरी माता...कोई बड़े थन वाली माता...कूड़ा करकट खाती माता..
फलां फलां यानि हर नस्ल की माता .....
मेने कहा भाई ऐसी बात नहीं है यह तो कुछ
तुच्छ किस्म के लोग हिन्दुस्तानीयों के दिल में नफरत भरकर अपनी रोटियां सेक रहे है
..
.उसने कहा यार यह कैसी माता है जिसकी आड़
में लोगों के क़त्ल तक कर दिए जाते है ............
.,कसम से जवाब देते ना बना ..में आहिस्ता
से खिसक लिया
जाते जाते पीछे से उसने चिल्लाकर कहा ..अरे
भाई सुना है ब्राज़ील में तो एक गीर नस्ल की माता ने तो दूध देने के सारे रिकॉर्ड तोड़
दिए..
...
में सोचता रह गया आखिर बन्दे ने गलत भी तो
नहीं कहा था एक कड़वी सच्चाई से रूबरू करा गया .
जरूर जरूर
जवाब देंहटाएं' कूड़ा करकट खाती माता..' सही कहा घास को तरसती माता।
जवाब देंहटाएं' कूड़ा करकट खाती माता..' सही कहा घास को तरसती माता।
जवाब देंहटाएंसच बड़ी आसानी से माता तो कह देते हैं लेकिन उसकी दशा क्या है कितने सोचते हैं
जवाब देंहटाएंकहते दुःख होता है की कितने अपनी माँ को माँ ही नहीं समझते फिर गाय को क्या सहेंगे। .
जी मेडम येही तो देश की दुर्गति है
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