21 जून 2017

खुला खत रिषी कपूर के नाम

जनाब रिषी कपूर साहब
क्या आप वही कपूर हो जो बॉबी से जवां दिलों पर राज करने लगा था  क्या आप वही ... रिषी कपूर हो जिसने अकबर इलाहाबादी बनकर लोगों को खूब हंसाया था
क्या आप वही ..रिषी कपूर हो जिसने रउफ लाला बनकर लोगों को डराया भी था
नहीं जनाब आप वो रिषी कपूर नहीं रह गये बिल्कुल नहीं
क्योंकी पिछले दिनों क्रिकेट के फाईनल से पहले जिस तरह आपके कमेंट आये थे उससे लगता है आपके अंदर का एक्टर खत्म हो चुका है..
यह आप ही का कथन था ना की बाप बाप होता है . ठीक ही कहा लेकिन उसी बैटे नें बाप को हरा दिया
अब आपके बड़बोलेपन का क्या हुआ..
और हां बैटा बाप के जैसा नहीं बन सकता लैकिन कोशिश तो कर ही सकता है ना और आप जिस खानदान से आते हैं उसका इंडिया तो बहूत मान सम्मान है. उस खानदान के अच्छे बैटे बनिये.
जनाब इस टुच्ची सी पब्लिसिटी के लिये यह क्यों भूल जाते हैं की आपके फॉलोअर्स पड़ोसी देश में भी है
खैल खैल होता है और आप जैसे लोग इस खैल को भी जंग के नजरिये से देखते है
और हम बेवकूफ लोग आपको फॉलो करते है
आप तो कुछ भी उलटा सीधा कह देते है और फिर पलट कर माफी भी मांग लेते है
लेकिन आपके फॉलोअर्स बैचारों के दिल पर ना जाने क्या बीतती होगी
जनाब काश आप जितने अच्छे एक्टर हो अगर इंसान भी उतने ही अच्छे होते ...