कुर्सी के कीड़ों ने फिर से ऐसा भड़काया हमको
जिंदा है यह तो मगर हम अपनी जान गंवा बैठे
खामोशियाँ साध ली देखो इन रहनुमाओं ने आज
दहशतों मैं अफ़सोस इन्सानों को इन्सान भुला बैठे
क्या खोया क्या पाया हमने इनकी रहबरी मैं यारो
मस्जिदें तो आबाद हुई अफ़सोस ईमान भुला बैठे
मंदिरों को बचाकर भी अफ़सोस भगवान भुला बैठे
जिंदा है यह तो मगर हम अपनी जान गंवा बैठे
खामोशियाँ साध ली देखो इन रहनुमाओं ने आज
दहशतों मैं अफ़सोस इन्सानों को इन्सान भुला बैठे
क्या खोया क्या पाया हमने इनकी रहबरी मैं यारो
मस्जिदें तो आबाद हुई अफ़सोस ईमान भुला बैठे
मंदिरों को बचाकर भी अफ़सोस भगवान भुला बैठे
बहुत भावपूर्ण !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
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