28 फ़र॰ 2019

हमसाया

कल तक थी इल्तिज़ा तूं रहम कर
मगर तेरा लहज़ा है की मैं डर गया हूं..!!
 
अदावतें पुरानी है यह चलती रहेगी 
बस जुल्मों के दर्द से बिखर गया हूं..!!
 
चारों तरफ बस एक ही शोर है बरपा 
अब कैसे में अचानक से सुधर गया हूं..!!
 
बुरा ही सही मगर रहूंगा तेरा हमसाया
मैं भी किसी ज़माने में तेरे घर गया हूं ..!!
 

16 फ़र॰ 2019

तेरी शहादत को सलाम फौजी


तेरी शहादत को झुक झुक सलाम फौजी 
तूं ही हिन्द है तुझसे यह हिंदुस्तान फौजी

तेरे खून कि हर बूंद इस मिट्टी की जान फौजी
तूं देश की आन फौजी तूं देश की शान फौजी

तेरी विधवा को भी तुझ पर गर्व है ओ फौजी 
मां का यकीन फौजी पापा का अभिमान फौजी

भइया तेरा फख्र करे बहना करे गुमान फौजी
बच्चो के दिल तुझसा बनने का अरमान फौजी

तेरी शहादत को झुक झुक सलाम फौजी 

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तेरी शहादत को सलाम फौजी ( जमील नामा 12/19

14 फ़र॰ 2019

मैं फौजी हूं..

मैं फौजी हूं... ☹️☹️
चंद दिनों पहले तक में ज़िंदा था खुश था
हर शाम अपनों से बातें करता था घर आने की तारीखें बताता था. बॉर्डर के किस्से सुनता था.गर्व था कि हिन्दुस्तानी फौजी हूं
लेकिन अब में शहीद हो चुका हूं, ☹️
मेरे बच्चे यतीम हो गए, बीवी विधवा हो गई.. ☹️
मां की वो बूढ़ी आंखे अब मुझे नहीं देख पाएगी..☹️
में मर चुका हूं..नहीं नहीं में मरा नहीं क़त्ल कर दिया गया हूं
अब मेरे शरीर को तिरंगे में लपेट दिया जाएगा.
सियासत के ठेकेदार मेरे सर पर खड़े है सलामी देने के लिए...
हर बार की तरह बदला लेने की बात की जाएगी, बेशर्मी की हदें पार की जाएगी...
अब मेरी कुर्बानी को कई हिस्सों में बांट जाएगा
एक हिस्सा अपोजिशन पार्टी ले जाएगी ताकी वो हुकूमत को घेर सके... एक हिस्सा मेरे चाहने वाले ले जाएंगे धरना जुलूस के लिए
एक हिस्सा मोजूदा हुकूमत ले जाएगी..ताकी मेरे लोथड़ों में विदेशी साजिश तलाश करके.पिछली हुकूमत को दोष
दे सके....
एक हिस्सा मीडिया वाले ले जाएंगे ताकी मेरे खून से बड़ी बड़ी
सुर्खियां लिख सके .. डिबेट नाम का नंगा नाच होगा...
में खामोश हूं,
शहीद कर दिए गया हूं बस यादों में हूं में फौजी हूं,
जय हिन्द ☹️☹️
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में फौजी हूं.... (जमील नामा 54/18)

हैदर का इश्क़

हैदर का इश्क़ ...😋😅😉 वेलेंटाइन डे के दिन
साल भर का इंतजार और हजारों के रिचार्ज के बाद आखिरकार वो घड़ी आ ही गई पार्क में मिलना तय हुआ
हाथ में गुलाब लेकर
आखिर Alimनिकल पड़ा महबूबा से मिलने घना कोहरा छाया हुआ था ठंड हद से ज़्यादा थी....

एक बेंच पर बैठ कर इंतज़ार करते हुए गाने लगा
"पहली बार दिल यूं बेकरार हुआ है
अब तो बड़ा मुश्किल इंतज़ार हुआ है"
अचानक क़दमों की आहट हुई
हैदर जेब से गुलाब निकाल लिया .कोहरे की वजह से साफ दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन उस ऐसा लग रहा था महबूबा चली आ रही है ..
मिलन की आस दीदार की हसरत लिए उसका
दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा . वो करीब आती जा रही थी
उधर हैदर ख्वाबों खोया उसे देख रहा था वो थोड़ा और करीब आई और ज़ोर आवाज लगाई
मूंगफली ले लो मूंगफली .. गर्मागर्म मूंगफली 😊😊
धत तेरे की हैदर ने गुलाब जेब में डाला और दुबारा इंतज़ार करने लगा .. वो सोच रहा था अबकी बार करीब आने के बाद ही गुलाब जेब से निकालूंगा .. आंखे बंद करके गुनगुनाए लगा
"दुनियां बदलती है मौसम बदलते है
लेकिन मेरे दिल को बदल नहीं पाओगे" ..
फिर से क़दमों की आहट हुई . हैदर चुप होकर इंतज़ार करने लगा कदमों की आवाज और करीब आ गई करीब एक दम करीब .. हैदर ने आंखे बंद करली क़दमों की आवाज एकदम करीब आकर रुक गई जेब से गुलाब निकाल कर आगे कर दिया .. हैप्पी वेलेंटाइन ..
सटाक करके कान के नीचे . थप्पड़ पड़ा
आंखे खुली तो देखा सामने लठ लिए बजरंग दल वाला खड़ा था ....😂🤣😋
आगे क्या हुआ खुद हैदर बताएंगे ...
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इश्क़ वाला कोहरा ( जमील नामा 11/19)

11 फ़र॰ 2019

काश मैं बारिश की इक बूंद होता

काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
कभी शाम ढले
कभी रात गए
कभी सहराओं में
कभी रेत में मिलकर कहीं खो जाता 


काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!

कभी दर्द में
कभी हिज्र में
कभी यादों में
किसी का ख्वाब बनकर सो जाता

काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!

कभी इश्क़ होता
कभी आशिक़ बन जाता
कभी आहें बनकर
रात रात भर किसी की नींदें उड़ाता

काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!

कभी पत्तों पर
कभी सब्ज बागों में
कभी दरीचे के उसपार
रोज हर सुबह में शबनम बन जाता

काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!

कभी गम बन जाता
कभी आंसू बनकर
रुखसार पर बहता
कभी जाम के गिलासों में बर्फ बन जाता

काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
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