12 सित॰ 2017

मीडिया सब जनता है

जो आप नही जानते वो मीडिया जानता है
मसलन आपको अगर यह देखना चाहते हैं की 
क़यामत कब आयेगी तो "इंडिया टीवी" लगा लीजिये,
झूट को सच साबित करने का तरीका जानना है तो
आप "आज तक" को देखिये ,
अगर चीन का मुंह तोड़ना है तो  "जी न्यूज़" सबसे अच्छा तरीका है
अगर पाकिस्तान को सबक सिखाना है तो
यहां भी आपको "जी न्यूज़" पर ही भरोसा करना पडेगा
केजरीवाल सरकार को झटके देने के लिये
आप "न्यूज़ नेशन" पर चले जाइये
सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जानने के लिये तो
"अंजना औम कश्यप" है ही
मुल्तानी मुर्गे कैसे लड़ते हैं यह जानने के लिये
रोहित सरदाना के साथ  "ताल ठोकीये"
शोर शराबा करने का मन कर रहा है तो
"टाइम्स नाउ " और "रिपब्लिक टीवी" सबसे बढिया विकल्प है
भारत सरकार को क्या करना है क्या नहीं करना चाहिये
यह आपको "न्यूज़ नेशन" बता ही देगा
सवर्ग और नर्क के दर्शन तो आपको "सुदर्शन न्यूज़" करा ही देगा

अगर इस कंजर खाने को देखने के बावजूद तबीयत खुश नहीं
तो आप टीवी बंद कर दीजिए
और अपनी फेमिली और बच्चों के साथ बेठिये वहाँ आपको वो सुकून
मिलेगा जो 70 चेनल बदल बदल कर देखने से भी नहीं मिला था,

9 सित॰ 2017

ओ साथी

यूँ नफरत से ना देख मुझको ओ साथी
मेरा खूं भी तेरे खूं से मिलता जुलता है

तूं हिंद का वासी है मेरा भी यही वतन है साथी
में इस मजहब का हूं तूं उस मजहब में रह्ता है

गले मिल सियासत के साये से निकलकर ओ साथी
मेरी क़ुरान मे यही लिखा है कहती यही तेरी गीता है

कब तक यूं लड़ेगे हम आपस में ओ साथी
लहू तेरा भी बहता है खूँ मेरा भी गिरता है