यूँ नफरत से ना देख मुझको ओ साथी
मेरा खूं भी तेरे खूं से मिलता जुलता है
तूं हिंद का वासी है मेरा भी यही वतन है साथी
में इस मजहब का हूं तूं उस मजहब में रह्ता है
गले मिल सियासत के साये से निकलकर ओ साथी
मेरी क़ुरान मे यही लिखा है कहती यही तेरी गीता है
कब तक यूं लड़ेगे हम आपस में ओ साथी
लहू तेरा भी बहता है खूँ मेरा भी गिरता है
मेरा खूं भी तेरे खूं से मिलता जुलता है
तूं हिंद का वासी है मेरा भी यही वतन है साथी
में इस मजहब का हूं तूं उस मजहब में रह्ता है
गले मिल सियासत के साये से निकलकर ओ साथी
मेरी क़ुरान मे यही लिखा है कहती यही तेरी गीता है
कब तक यूं लड़ेगे हम आपस में ओ साथी
लहू तेरा भी बहता है खूँ मेरा भी गिरता है
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