लोटा.....बड़ी कमाल की चीज है !! 😊
ज़्यादातर शोच और शौचालयों से इसका गहरा नाता है
गांवों में अंगुलियों के बीच दबाकर खेतों में ले जाना.
और शहरों में रेल की पटरियों पर लोटे का टकराना...
इसके अपने अलग ही फंडे है..
सदियों तक इस लोटे ने हर हालत में मनुष्य का पिछ्वाड़ा साफ करने में अहम भूमिका निभाई है....
फिर वो वक़्त आया
जब खेतों में ले जाना कम हुआ, ट्रेन कि पटरियां इस लोटे की
राह देखने लगी, क्योंकि हर जगह शौचालय बन गए
इसे शौचलय में डाला गया, ट्रेन में छोटी जंजीर से बांधा गया
कभी इसे जोर जोर से से पटका गया.....
कभी इसे इंसानी भेष में लुढ़कना पड़ा..
लेकिन इसने कभी हार नहीं मानी.. अपना काम जारी रखा
..
कहते है मेहनत का फल मिलता है...लोटे को भी मिला
आज हालात यह है की सारी सियासी पार्टियां इसी लोटे के सहारे वोट बटोरने की कोशिश कर रही है......
.....
लोटा
ज़्यादातर शोच और शौचालयों से इसका गहरा नाता है
गांवों में अंगुलियों के बीच दबाकर खेतों में ले जाना.
और शहरों में रेल की पटरियों पर लोटे का टकराना...
इसके अपने अलग ही फंडे है..
सदियों तक इस लोटे ने हर हालत में मनुष्य का पिछ्वाड़ा साफ करने में अहम भूमिका निभाई है....
फिर वो वक़्त आया
जब खेतों में ले जाना कम हुआ, ट्रेन कि पटरियां इस लोटे की
राह देखने लगी, क्योंकि हर जगह शौचालय बन गए
इसे शौचलय में डाला गया, ट्रेन में छोटी जंजीर से बांधा गया
कभी इसे जोर जोर से से पटका गया.....
कभी इसे इंसानी भेष में लुढ़कना पड़ा..
लेकिन इसने कभी हार नहीं मानी.. अपना काम जारी रखा
..
कहते है मेहनत का फल मिलता है...लोटे को भी मिला
आज हालात यह है की सारी सियासी पार्टियां इसी लोटे के सहारे वोट बटोरने की कोशिश कर रही है......
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लोटा
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