6 जन॰ 2019

वो वक्त

जब नफरतों का साया ना था
लोग दिलों के अच्छे थे ..
मन के सच्चे थे ...
वो वक़्त भी क्या खूब था......

जब मुंडेर पर बैठी कोयल
गाया करती थी
वक़्त से नींद आया करती थी
वो वक़्त भी क्या खूब था......

जब मोहब्बत के दीवाने
इश्क़ के इजहार में
हाथों से खत लिखा करते थे
वो वक्त भी क्या खूब था.......


@ जमील नामा 37/18

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