एक तरफ खाली दीवार है
घूरती है तन्हा खामोश है
बाहर की आवाजें
इससे टकराकर दम तोड़ती है
एक बड़ी अलमारी
कुछ पुराने कपड़े है
जिसमे खुशी के मौके पर
पहनने के लिए एक जोड़ा नया है
तलाश है बस खुशी की ....
फ्रिज निरंतर चल रहा है
दुनिया की गर्म फिजाओं में
अपने ठंडे वजूद को बचाकर
खामोशी से चल रहा है
बस चला जा रहा है .......
बिस्तर लगा है सलीके से
सोने के इंतजार में
वो खुद थक कर सो चुका है
मुझे बस लेटना है
नींद की आगोश के लिए ...
_______________________
यह कमरा ...(जमील नामा 55/18)
घूरती है तन्हा खामोश है
बाहर की आवाजें
इससे टकराकर दम तोड़ती है
एक बड़ी अलमारी
कुछ पुराने कपड़े है
जिसमे खुशी के मौके पर
पहनने के लिए एक जोड़ा नया है
तलाश है बस खुशी की ....
फ्रिज निरंतर चल रहा है
दुनिया की गर्म फिजाओं में
अपने ठंडे वजूद को बचाकर
खामोशी से चल रहा है
बस चला जा रहा है .......
बिस्तर लगा है सलीके से
सोने के इंतजार में
वो खुद थक कर सो चुका है
मुझे बस लेटना है
नींद की आगोश के लिए ...
_______________________
यह कमरा ...(जमील नामा 55/18)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें