6 जन॰ 2019

लापता,

कैसा यह दौर है
शोर मचाकर भी
ज़बान लापता , आवाज लापता,

कैसा यह दौर है
बोले तो लगे
तहज़ीब लापता, अदब लापता

कैसा है दौर है
जाहिल नहीं कोई
पढ़ लिखकर भी नोकरी लापता

कैसा यह दौर है
बेटियां लुटती रही
इंसाफ लापता इंसानियत लापता

कैसा यह दौर है
मंदिर है मस्जिद है
ईमान लापता ईमानदार लापता

कैसा यह दौर है
कैद है मजलूम
क़ातिल लापता, इंसाफ लापता

कैसा यह दौर है
झूठा कोई नहीं
बस सच लापता, सच्चाई लापता,

कैसा यह दौर
अख़बार छपा है
खबर लापता, खबरें भी लापता,
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लापता ( जमील नामा 64/18

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