शाम का वक्त था
घर के आंगन में
माहौल खुशनुमा था
सब बहुत खुश थे
आज कई अरसे बाद सारे भाई एक साथ
मां बाप के पास बैठे थे गुफ्तगू हो रही थी
गिले शिकवे होने लगे
आवाजें ऊंची होने लगी
पास बैठी मां घबरा गई
हाथ उठे..या अल्लाह.....
मेरे बेटे आपस में ना लड़ें ..
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घर के आंगन में
माहौल खुशनुमा था
सब बहुत खुश थे
आज कई अरसे बाद सारे भाई एक साथ
मां बाप के पास बैठे थे गुफ्तगू हो रही थी
गिले शिकवे होने लगे
आवाजें ऊंची होने लगी
पास बैठी मां घबरा गई
हाथ उठे..या अल्लाह.....
मेरे बेटे आपस में ना लड़ें ..
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