जमील नामा
सदियाँ याद रखेगी तेरी जुर्रत को रोशनाई बनकर जो तूँ कागजों पर बिखर गया
16 जन॰ 2019
निशब्द :
वो चली थी जिम्मेदारी की गठरी लेकर
और उसी राह में एक क़ब्रिस्तान आया !!
भाई ने पूछा लिया अम्मा कब आयेगी
कांप उठा कलेजा जैसे कोई तूफान आया !!
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