काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
कभी शाम ढले
कभी रात गए
कभी सहराओं में
कभी रेत में मिलकर कहीं खो जाता
काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
कभी दर्द में
कभी हिज्र में
कभी यादों में
किसी का ख्वाब बनकर सो जाता
काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
कभी इश्क़ होता
कभी आशिक़ बन जाता
कभी आहें बनकर
रात रात भर किसी की नींदें उड़ाता
काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
कभी पत्तों पर
कभी सब्ज बागों में
कभी दरीचे के उसपार
रोज हर सुबह में शबनम बन जाता
काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
कभी गम बन जाता
कभी आंसू बनकर
रुखसार पर बहता
कभी जाम के गिलासों में बर्फ बन जाता
काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
.
कभी शाम ढले
कभी रात गए
कभी सहराओं में
कभी रेत में मिलकर कहीं खो जाता
काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
कभी दर्द में
कभी हिज्र में
कभी यादों में
किसी का ख्वाब बनकर सो जाता
काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
कभी इश्क़ होता
कभी आशिक़ बन जाता
कभी आहें बनकर
रात रात भर किसी की नींदें उड़ाता
काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
कभी पत्तों पर
कभी सब्ज बागों में
कभी दरीचे के उसपार
रोज हर सुबह में शबनम बन जाता
काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
कभी गम बन जाता
कभी आंसू बनकर
रुखसार पर बहता
कभी जाम के गिलासों में बर्फ बन जाता
काश मैं बारिश की इक बूंद होता...!!
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