14 फ़र॰ 2019

मैं फौजी हूं..

मैं फौजी हूं... ☹️☹️
चंद दिनों पहले तक में ज़िंदा था खुश था
हर शाम अपनों से बातें करता था घर आने की तारीखें बताता था. बॉर्डर के किस्से सुनता था.गर्व था कि हिन्दुस्तानी फौजी हूं
लेकिन अब में शहीद हो चुका हूं, ☹️
मेरे बच्चे यतीम हो गए, बीवी विधवा हो गई.. ☹️
मां की वो बूढ़ी आंखे अब मुझे नहीं देख पाएगी..☹️
में मर चुका हूं..नहीं नहीं में मरा नहीं क़त्ल कर दिया गया हूं
अब मेरे शरीर को तिरंगे में लपेट दिया जाएगा.
सियासत के ठेकेदार मेरे सर पर खड़े है सलामी देने के लिए...
हर बार की तरह बदला लेने की बात की जाएगी, बेशर्मी की हदें पार की जाएगी...
अब मेरी कुर्बानी को कई हिस्सों में बांट जाएगा
एक हिस्सा अपोजिशन पार्टी ले जाएगी ताकी वो हुकूमत को घेर सके... एक हिस्सा मेरे चाहने वाले ले जाएंगे धरना जुलूस के लिए
एक हिस्सा मोजूदा हुकूमत ले जाएगी..ताकी मेरे लोथड़ों में विदेशी साजिश तलाश करके.पिछली हुकूमत को दोष
दे सके....
एक हिस्सा मीडिया वाले ले जाएंगे ताकी मेरे खून से बड़ी बड़ी
सुर्खियां लिख सके .. डिबेट नाम का नंगा नाच होगा...
में खामोश हूं,
शहीद कर दिए गया हूं बस यादों में हूं में फौजी हूं,
जय हिन्द ☹️☹️
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में फौजी हूं.... (जमील नामा 54/18)

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