12 सित॰ 2019

मेरा शरारती बच्चा

भी मैं घर जाता 
गिरता पड़ता वो
दौड़कर गले लग जाता
फिर अचानक
ना जाने क्यों रूठ जाता है
मनाने पर कहता
पहले मेरे साथ चलो
एक खिलौना आया है
मैं क्या करता
मना भी तो नहीं कर सकता ना....

सोता था तो
उसको शरारत सूझती थी
फिर
एक दीवार के सहारे
गंदे पैर लेकर
वो पीठ पर चढ़ जाता
मुझे पता था
सफेद शर्ट पर दाग लगेंगे लेकिन
मैं क्या करता
मना भी तो नहीं कर सकता ना....

स्कूल जाता तो
रोज एक नया बहाना होता
पेट दुखता है उसका
स्कूल की गाड़ी निकल जाने तक
फिर उधम मचाता था
कहता है
पापा... अब पेट ठीक हो गया
मैं खेलने जाऊं
मैं क्या करता ..
मना भी तो नहीं कर सकता ना.....

स्कूल से आकर
दिखाने को वो
बस्ता खोल बैठ जाता है
पलटता है कापी के पन्ने
कभी छीलता है
कच्ची पेंसिल की नोक
फिर आवाजें सुनकर बच्चो की
धड़ाम से बन्द करके बस्ता
हो गया होमवर्क
पापा .... अब मैं खेलने जाऊं
मैं क्या करता 
मना भी नहीं कर सकता ना

फिर कभी कीचड़ में
कभी मिट्टी में लथपथ
कपड़े लेकर घर आता तो
मम्मी का गुस्सा
आसमान चढ़ जाता है
लेकिन उसको काहे का डर
आपने ही बिगाड़ा है
यह ताना तो मुझको सुनना है
वो कहता है
पापा..देखो ना अब खेलने भी नहीं देती
मैं ..क्या करता
मम्मी से पिटने भी तो नहीं देता ना ....

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